संपत्ति हस्तांतरण के माध्यम से एलिमनी में भी टैक्स लगता है। अगर तलाक से पहले संपत्ति ट्रांसफर की जाती है तो उन्हें रिश्तेदारों से उपहार के रूप में टैक्स से छूट दी जा सकती है। हालांकि, अगर ट्रांसफर तलाक के बाद होता है तो प्राप्तकर्ता प्राप्त संपत्ति पर टैक्स का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार है। इसका मतलब है कि अगर तलाक से पहले संपत्ति मिलती है तो उस पर टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन, तलाक के बाद संपत्ति मिलती है तो उस पर टैक्स लगेगा। एलिमनी का भुगतान करने वाला इन भुगतानों के लिए किसी भी टैक्स कटौती का दावा नहीं कर सकता है। कुल मिलाकर केवल बार-बार होने वाले एलिमनी भुगतान टैक्सेबल होते हैं। जबकि एकमुश्त निपटान और तलाक से पहले संपत्ति ट्रांसफर आम तौर पर टैक्स-फ्री रहते हैं।