अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमास को चेतावनी दी है कि सभी बंधकों को अभी रिहा करें, बाद में नहीं। जिन लोगों की आपने हत्या की है, उनके शवों को तुरंत लौटाएं, नहीं तो आपका काम खत्म हो जाएगा। केवल बीमार और विकृत लोग ही शवों को रखते हैं। आप बीमार और विकृत हैं।
व्हाइट हाउस ने बुधवार देर रात कहा कि गाजा बंधकों के मुद्दे पर अमेरिका और हमास के बीच कतर की राजधानी दोहा में सीधी बातचीत हुई। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा था कि चर्चा से पहले इजराइल से भी बात की गई थी।
इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने इस वार्ता की जानकारी दी। इजराइली अधिकारियों का कहना है कि गाजा में अभी भी करीब 24 जीवित बंधक हैं। इनमें एक अमेरिकी नागरिक एडन अलेक्जेंडर भी शामिल हैं। इनके अलावा कम से कम 35 अन्य लोगों भी शामिल हैं।
28 साल बार अमेरिका-हमास में डायरेक्ट बातचीत
BBC के मुताबिक इस चर्चा की खबर सबसे पहले मीडिया हाउस एक्सियोस ने दी थी। इसमें कहा गया कि दोनों पक्ष अमेरिकी बंधकों की रिहाई के साथ-साथ युद्ध खत्म करने के लिए एक व्यापक समझौते पर चर्चा कर रहे थे।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव लेविट ने कहा कि बंधकों के लिए विशेष दूत एडम बोहलर का काम अमेरिकी लोगों के लिए सही काम करने का एक अच्छा प्रयास था। 1997 में अमेरिका ने हमास को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था। 28 साल बाद यह पहली बार है कि अमेरिका और हमास के बीच डायरेक्ट बातचीत हुई है।
हमास ने लौटाए थे 4 इजराइली बंधकों के शव
गाजा के उग्रवादी संगठन हमास ने 27 फरवरी की सुबह 4 इजराइली बंधकों के शव लौटाए थे। उसने ये शव को रेडक्रॉस को सौंपे थे। इसके बदले में इजराइल 600 से ज्यादा फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कर रहा है, इनमें से 97 रिहा किए जा चुके हैं।
हमास ने जिन बंधकों के शव लौटाए हैं, उनके नाम त्साची इदान (49), श्लोमो मंत्जुर (85), इत्जाक एल्गारात (68) और ओहद याहलोमी (49) हैं। इजराइल-हमास के बीच 19 जनवरी से लागू हुए सीजफायर के पहले फेज में बंधकों की आखिरी रिहाई थी।
दरअसल, हमास-इजराइल के बीच सीजफायर का पहला फेज का 1 मार्च को खत्म हुआ। पहले फेज में हमास ने 33 बंधक छोड़े, इनमें 8 शव थे। वहीं, इजराइल 2 हजार से फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कर रहा है। लेकिन, दोनों के बीच सीजफायर के दूसरे फेज पर अभी तक बातचीत शुरू नहीं हुई है।