भारत का व्यापारिक व्यापार घाटा नवंबर में बढ़कर 37.84 बिलियन डॉलर के अब तक के हाई लेवल पर पहुंच गया है। यह अक्टूबर में 27.1 बिलियन डॉलर था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि देश का आयात बिल बढ़ गया और निर्यात में गिरावट आई। व्यापारिक घाटा बढ़ने से रुपये पर दबाव पड़ेगा जिससे यह डॉलर के मुकाबले 85 डॉलर पर पहुंच जाएगा। इससे आईटी और फार्मा जैसे निर्यातकों को रुपये में गिरावट से लाभ होगा, लेकिन आयातकों के लिए आयात लागत में वृद्धि से उनके शेयर की कीमतों पर असर पड़ेगा।
5. ग्लोबल मार्केट में गिरावट
फेड रिजर्व की बैठक को लेकर दुनिया के दूसरे बाजार भी मंगलवार को सहम गए। जापान के बाहर एशिया-प्रशांत शेयरों के एमएससीआई के व्यापक सूचकांक में 0.3% की गिरावट आई। जापान के निक्केई में 0.15% की गिरावट आई, जबकि वायदा कारोबार ने यूरोपीय शेयर बाजारों के लिए सुस्त शुरुआत का संकेत दिया। यूरोस्टॉक्स 50 वायदा कारोबार में 0.16% की गिरावट आई। वहीं जर्मन DAX वायदा कारोबार में 0.06% की गिरावट आई। FTSE वायदा कारोबार में 0.24% की कमजोरी आई।
5. ग्लोबल मार्केट में गिरावट
फेड रिजर्व की बैठक को लेकर दुनिया के दूसरे बाजार भी मंगलवार को सहम गए। जापान के बाहर एशिया-प्रशांत शेयरों के एमएससीआई के व्यापक सूचकांक में 0.3% की गिरावट आई। जापान के निक्केई में 0.15% की गिरावट आई, जबकि वायदा कारोबार ने यूरोपीय शेयर बाजारों के लिए सुस्त शुरुआत का संकेत दिया। यूरोस्टॉक्स 50 वायदा कारोबार में 0.16% की गिरावट आई। वहीं जर्मन DAX वायदा कारोबार में 0.06% की गिरावट आई। FTSE वायदा कारोबार में 0.24% की कमजोरी आई।