वर्ल्ड चेस चैंपियन डी गुकेश भारत लौट आए हैं। सोमवार को चेन्नई एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत हुआ। 18 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने सिंगापुर में 12 दिसंबर को वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का खिताब जीता था।
उन्होंने चीन के डिफेंडिंग चैंपियन डिंग लिरेन को 7.5-6.5 से फाइनल में हराया। इतनी कम उम्र में खिताब जीतने वाले गुकेश दुनिया के पहले प्लेयर हैं। इससे पहले 1985 में रूस के गैरी कैस्परोव ने 22 साल की उम्र में यह खिताब जीता था।
गुकेश ने चीनी खिलाड़ी को 14वें गेम में हराकर यह टाइटल जीता। 25 नवंबर को चैंपियनशिप का फाइनल शुरू हुआ था, 11 दिसंबर तक दोनों के बीच 13 गेम खेले गए। स्कोर यहां 6.5-6.5 से बराबर था। गुकेश ने 14वां गेम जीता और एक पॉइंट की बढ़त लेकर स्कोर 7.5-6.5 कर दिया।
विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी
गुकेश चेस के वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले भारत के दूसरे ही प्लेयर बने। 2012 में विश्वनाथन आनंद चेस चैंपियन बने थे। गुकेश ने 17 साल की उम्र में FIDE कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट भी जीता था। तब वह इस खिताब को जीतने वाले भी सबसे युवा प्लेयर बन गए थे।
गुकेश को मिले 11.45 करोड़ रुपए
इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) के 138 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब एशिया के 2 खिलाड़ी वर्ल्ड चैंपियन के खिताब के लिए आमने-सामने थे। क्लासिकल गेम में एक जीत पर प्लेयर को 1.69 करोड़ रुपए मिले। यानी 3 गेम जीतने पर गुकेश को 5.07 करोड़ और 2 गेम जीतने पर लिरेन को 3.38 करोड़ रुपए सीधे ही मिल गए। बाकी प्राइज मनी दोनों प्लेयर्स में बराबर बांटी गई, यानी गुकेश को 11.45 करोड़ और लिरेन को 9.75 करोड़ रुपए का इनाम मिला।
कौन हैं डी गुकेश?
गुकेश डी का पूरा नाम डोम्माराजू गुकेश है। वह चेन्नई के रहने वाले हैं। गुकेश का जन्म चेन्नई में 7 मई 2006 को हुआ था। उन्होंने 7 साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उन्हें शुरू में भास्कर नागैया ने कोचिंग दी थी।
नागैया इंटरनेशनल चेस खिलाड़ी रहे हैं और चेन्नई में चेस के होम ट्यूटर हैं। इसके बाद विश्वनाथन आनंद ने गुकेश को खेल की जानकारी देने के साथ कोचिंग दी। गुकेश के पिता डॉक्टर हैं और मां पेशे से माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं।